Bookmark Page

Hindi Patrakarita Aur Shraddhanand

हिंदी पत्रकारिता और श्रद्धानंद

Published by: Saraswati Sahitya Sansthan

Pages : 208

File size: 3.86 MB

  • Description
  • विवरण
  • Specification

Book depicts the contribution of Swami Shraddhand to Journalism. Today is the era of Information.

जब तक कोई संस्था या सभा देशहित राष्ट्रहित या मनुष्य जाति हित का कोई भावात्मक देहधारी कार्य नहीं करती तब तक वह जनप्रिय होने का न अधिकार रखती है और न हो सकती है! प्रस्तुत पुस्तक इसी कड़ी में लिखी गई है! गुरुकुल शिक्षाप्रणाली कैसी हो, हमारी आज की शिक्षाप्रणाली में क्या दोष है उन्हें कैसे दूर करे! पत्रकारिता में हमारे युवक ध्यान देवे आज के युग में उसकी भारी आवश्यकता है समाचार पत्रो में जो कुछ भी छपता है उसका है निश्चय करने वाला व्यक्ति सम्वादक कहलाता है! प्रेरणा प्राप्त करने हेतु, स्वामी श्रद्धानंद और अधिक जानने हेतु उनके कार्यो को अधिक समझने हेतु यह पुस्तक पठनीय है!

Original Book

First Print Year : 2000

Current Book Print Year : 2000

Print Price : INR 125.00