Book tells horrid tales of genocide and atrocities during Moplah Riots in 1921 and work done by Arya Samaj afterwards,
पुस्तक में मोपला दंगों में हुए भीषण नरसंहार और अत्याचारों की भयावह गाथा बताती है और उसके बाद आर्य समाज द्वारा किये गये कार्यों का वर्णन करती है|
Original Book
First Print Year : 1923
Current Book Print Year : 1925
Print Price : INR 0.00